स्क्रूगेज: प्राचीन मापन उपकरण का एक महत्वपूर्ण अध्ययन

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2 स्क्रूगेज: प्राचीन मापन उपकरण का एक महत्वपूर्ण अध्ययन: संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर

स्क्रूगेज: प्राचीन मापन उपकरण का एक महत्वपूर्ण अध्ययन: पेंचमापी (स्क्रूगेज) एक उपकरण है जो पेंच के सिद्धांत पर काम करता है और यह 0.001 सेमी तक की छोटी दूरियों का सटीक मापन करता है। इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों में किया जाता है।

पेंचमापी का आकार वृत्ताकार होता है जिसमें धातु का फ्रेम F होता है। F के एक सिरे पर एक छोटा टुकड़ा A लगा होता है, जिसे बटन (Stud) कहा जाता है। फ्रेम के दूसरे सिरे पर एक बेलनाकार नट लगा होता है जिसमें पेंच स्थापित होता है। यह नट फ्रेम F के सिरे से कुछ सेंटीमीटर तक विस्तारित रहता है और मिलीमीटर या अर्ध मिलीमीटर में अशांकित रहता है। इसे मुख्य स्केल कहा जाता है। इस पर नट के अक्ष के अनुदिश एक आधार रेखा (Baseline) होती है, जिसे निर्देश रेखा (Reference Line) कहा जाता है। पेंच के दाहिने सिरे पर एक बेलनाकार टोपी (Cap) लगी रहती है, जिसे थिम्बिल (Thimble) कहा जाता है। थिम्बिल को 100 बराबर – बराबर भागों में बांटा जाता है, जिसे वृत्तीय स्केल कहा जाता है। थिम्बिल के दाहिने सिरे पर एक रैचिट (Ratchet) R संलग्न होता है, जो पेंच को अनावश्यक कसने से रोकता है।

पेंचमापी (स्क्रूगेज) का उपयोग:

पेंचमापी (स्क्रूगेज) का काम वस्तुओं की मोटाई नापना होता है। इसके लिए उपकरण को प्रयोगशाला में रखकर दो वस्तुओं A और B के बीच कसा जाता है। जब वस्तु A और B के बीच सही रूप से कस जाती है, तो रैचिट R पेंच को बिना चलाए उसी समय घुमाने देता है। पेंच की पिच (Pitch) या चूड़ी अंतराल के द्वारा वस्तुओं की मोटाई का मापन किया जाता है। पेंच की पिच सामान्यतः 0.5 मिलीमीटर या 0.5 सेमी होती है।

पेंचमापी का चूड़ी अंतराल ज्ञात करने के लिए वृत्ताकार पैमाने को 5 या 10 पूरे चक्कर एक दिशा में घुमाकर पेंच द्वारा या वृत्ताकार पैमाने द्वारा तय की गई रेखीय दूरी को मापी जाती है और इस दूरी में दिए गए चक्रों की संख्या का भाग किया जाता है।

चूड़ी अंतराल = रेखीय दूरी / चक्रों की संख्या

पेंचमापी का अल्पतमांक उपकरण के माप की सटीकता को दर्शाता है। इसका मान भी वृत्ताकार पैमाने के चूड़ी अंतराल से निर्धारित होता है।

अल्पतमांक = चूड़ी अंतराल / वृत्ताकार पैमाने पर कुल भागों की संख्या

पेंचमापी में शून्यांक त्रुटि भी होती है, जो उपकरण के सपाट सिरे A और B को पूर्णतः सटाकर रखने पर आती है। शून्यांक त्रुटि दो प्रकार की होती है – धनात्मक शून्यांक त्रुटि और ऋणात्मक शून्यांक त्रुटि। इन त्रुटियों को दूर करने के लिए उपकरण को उचित तरीके से इस्तेमाल किया जाता है।

इस तरह से, पेंचमापी (स्क्रूगेज) उपकरण वस्तुओं की सटीक मोटाई नापने के लिए उपयुक्त एक उपकरण है जो विज्ञान और औद्योगिक क्षेत्र में प्रयोग किया जाता है। इसका नियमित रूप से सेवन करके उपकरण को सुनिश्चित करना चाहिए कि इसमें त्रुटि न हो और इसके साथ सटीक नापी जा सके।

स्क्रूगेज: प्राचीन मापन उपकरण का एक महत्वपूर्ण अध्ययन: संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर

स्क्रूगेज को यह नाम क्यों दिया जाता है ?

यह पेंच ( स्क्रू ) के सिद्धान्त पर कार्य करता है तथा तार का व्यास मापने में प्रयुक्त होता है।

चूड़ी अन्तराल किसे कहते है ?

दो चूड़ियों के मध्य की दूरी अथवा पेंच को एक पूरा चक्कर लगाने में उसके द्वारा तय की गयी रेखीय दूरी पेंच का चूड़ी अन्तराल कहलाती हैं ।

स्क्रूगेज की अल्पतमांक का क्या तात्पर्य है ।

वह न्यूनतम लम्बाई या दूरी जो यर्थाथता से स्क्रूगेज द्वारा नापी जा सकें , स्क्रूगेज की अल्पतमांक कहलाती ।

स्क्रूगेज किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ?

स्क्रूगेज पेंच के सिद्धान्त पर कार्य करता हैं ।

पेंच का क्या सिद्धान्त है ?

किसी पेंच को घूर्णन कराने पर पेंच द्वारा तय की गयी रेखीय दूरी , पेंच के घूर्णन कोण के अनुक्रमानुपाती होती है । यही पेंच का सिद्धान्त है ।

स्क्रूगेज में शून्यांक त्रुटि क्या होती है ?

स्क्रूगेज के पेंच के सिरे तथा स्क्रूगेज के बटन के सटे होने की स्थिति में वृत्ताकार पैमाने का शून्यांक मुख्य पैमाने के अंशाकन रेखा के शून्यांक से भी सम्पाती नहीं हो तो यह त्रुटि शून्यांक त्रुटि कहलाती है ।

पिच्छ्ट त्रुटि किसे कहते है ?

पेंच को बार – बार आगे पीछे बार – बार घुमाने पर मापन में त्रुटि आ जाती है । यही पिच्छट त्रुटि कहलाती है |

पिच्छ्ट त्रुटि को दूर किस प्रकार किया जाता है ?

स्क्रूगेज के पेंच को केवल एक दिशा में घुमाने से पेंच की पिच्छ्ट त्रुटि कम हो जाती है ।

क्या स्क्रूगेज द्वारा कागज की मोटाई ज्ञात कर सकते हैं । हाँ तो क्यों ?

हाँ , क्योंकि कागज की गोलाई गेज के अल्पतमांक से अधिक होती है ।

गेज में रैचिट का क्या कार्य होता है ?

रैचिट तार अथवा पिण्ड पर लगे अनावश्यक दाब को रोकता है ।

माइक्रोमीटर क्या होता है ?

माइक्रोमीटर वह उपकरण होता है जिसका अल्पतमांक 10-6 मी . की कोटि का होता है ।

स्क्रूगेज एक ‘ माइक्रोमीटर स्क्रू ‘ है इस कथन से क्या तात्पर्य हैं ?

स्क्रूगेज का अल्पतमांक ( 0.001 सेमी. = 10×10-6 मी. अर्थात 10 माइक्रोमीटर कोटि का होता है अतः यह माइक्रोमीटर स्क्रू कहलाता है ।

स्क्रूगेज से न्यूनतम कितनी दूरी माप सकते हैं ?

अल्पतमांक के बराबर ।

पेंच को एक ही दिशा में क्यों घुमाना चाहिए ?

पिच्छट त्रुटि कम करने के लिए ।

बैकलेस त्रुटि ( पिच्छट त्रुटि ) क्या होती है ?

पेंचमापी को अचानक घुमाने की दिशा को उलट दें , तो वृत्तीय पैमाने पर उसका पाठ्यांक कम हो जाता है यह बैकलेस त्रुटि ( पिच्छट त्रुटि ) कहलाती है ।

माइक्रोमीटर का क्या उपयोग है ?

इसके द्वारा प्रकाश की तंरगदैर्ध्य व अति सूक्ष्म दूरियों का मापन करते है ।

शून्यांक त्रुटि किस कारण उत्पन्न होती है ?

यह उपकरण के निर्माण एवं अधिक प्रयोग में लेने पर चूड़ियों के इतिग्रस्त होने के कारण उत्पन्न होती है ।

पेंचमापी का पेंच किस पदार्थ का बनाया जाता है ?

यह गनमेटल का बनाया जाता है ताकि लम्बे उपयोग के बाद भी चूड़ियाँ क्षतिग्रस्त न हो ।

शून्यांक त्रुटि कितने प्रकार की होती है ?

यह दो प्रकार की होती है । ( i ) धनात्मक शून्यांक त्रुटि ( ii ) ऋणात्मक शून्यांक त्रुटि

पाठयांक लेते समय आँख को मुख्य पैमाने के ठीक सामने क्यों रखना चाहिए ?

लम्बन ( Parallax ) द्वारा उत्पन्न त्रुटि न हो ।

क्या स्क्रूगेज द्वारा वाल की मोटाई ज्ञात कर सकते है ?

नहीं , क्योंकि बाल की मोटाई स्क्रगेज के अल्पतमांक से कम होती हैं ।”

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