Adsorption Theory of Heterogeneous Catalysis
क्या आपको पता है, बहुत पहले आम लोग बिना जाने ही उत्प्रेरक (Catalysts) और उत्प्रेरण (Catalysis) का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों जैसे सिरका बनाने और ब्रेड उठाने में करते थे? उत्प्रेरकों का उपयोग बेशुमार है। उत्प्रेरक कई प्रक्रियाओं और मैनुफैक्चरिंग तकनीकों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह 18वीं शताब्दी के अंत में chemists द्वारा पहचाना गया।
उत्प्रेरण का विचार रसायनज्ञ एलिजाबेथ फुल्हेम द्वारा 1794 में उनकी पुस्तक में पेश किया गया था। हालाँकि, उत्प्रेरण (Catalysis) शब्द का पहली बार प्रयोग जोंस जाकोब बैर्जेलियस (Jons Jakob Berzelius) ने 1835 में किया था। 1880 के दशक में, विल्हेल्म ओस्ट्रवाल्ड (Wilhelm Ostwald) ने एसिड और बेस से उत्प्रेरित प्रतिक्रियाओं पर काम किया, जिसके लिए उन्हें 1909 में रसायन शास्त्र में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Chemistry) दिया गया था।
उत्प्रेरण (Catalysis) क्या है?
उत्प्रेरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक पदार्थ जोड़ने पर रासायनिक प्रतिक्रिया की गति बढ़ जाती है और यह पदार्थ खुद प्रतिक्रिया में भाग नहीं लेता है। इसे उत्प्रेरण कहते हैं और जो पदार्थ जोड़ा जाता है उसे उत्प्रेरक कहते हैं। एक बहुत ही छोटी मात्रा में उत्प्रेरक प्रतिक्रिया की गति को बदलने के लिए पर्याप्त होती है। उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन पेरोक्साइड को पानी और ऑक्सीजन गैस में बदलने वाली प्रतिक्रिया में पोटैशियम पर्मांगनेट का उपयोग होता है।
रासायनिक प्रतिक्रिया | 2H₂O₂ [overset{text{पोटैशियम पर्मांगनेट}}{rightarrow}] 2H₂O + O₂ |
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उत्प्रेरण के प्रकार
उत्प्रेरकों और अभिकारकों के चरणों के आधार पर, उत्प्रेरण को निम्नलिखित दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
समानगतिक उत्प्रेरण (Homogeneous Catalysis)
जिस उत्प्रेरक का चरण प्रतिक्रिया के अभिकारकों के समान होता है, उसे समानगतिक उत्प्रेरक कहा जाता है और इस प्रकार की उत्प्रेरण प्रक्रिया को समानगतिक उत्प्रेरण कहते हैं।
समानगतिक उत्प्रेरण और उत्प्रेरकों के उदाहरण:
- शर्करा का सम्मिलन (Hydrolysis of Sugar): इस प्रतिक्रिया में शर्करा (सुक्रोज घोल) और पानी तरल अवस्था में होते हैं और उत्प्रेरक सल्फ्यूरिक एसिड भी तरल अवस्था में होता है।
रासायनिक प्रतिक्रिया
C₁₂H₂₂O₁₁₍ₗ₎ + H₂₍ₗ₎ [overset{text{H₂SO₄₍ₗ₎}}{rightarrow}] C₆H₁₂O₆₍ₗ₎ + C₆H₁₂O₆₍ₗ₎- एस्टर का हाइड्रोलिसिस (Hydrolysis of Ester): एस्टर की प्रतिक्रिया में एस्टर और पानी (तरल) का उपयोग होता है और उत्प्रेरक हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी तरल अवस्था में होता है।
रासायनिक प्रतिक्रिया
CH₃COOCH₃₍ₗ₎ + H₂O₍ₗ₎ [overset{text{HCl₍ₗ₎}}{rightarrow}] CH₃COOH₍ₗ₎ + CH₃OH₍ₗ₎
विषमगतिक उत्प्रेरण (Heterogeneous Catalysis)
जिस उत्प्रेरक का चरण अभिकारकों के चरण से भिन्न होता है, उसे विषमगतिक उत्प्रेरक कहा जाता है और इस प्रकार की उत्प्रेरण प्रक्रिया को विषमगतिक उत्प्रेरण कहते हैं।
विषमगतिक उत्प्रेरण और उत्प्रेरकों के उदाहरण:
- हैबर की प्रक्रिया में अमोनिया का निर्माण (Haber’s Process of Ammonia Formation): इस प्रक्रिया में नाइट्रोजन और हाइड्रोजन गैस के रूप में होते हैं जबकि उत्प्रेरक लोहे का ठोस होता है।
रासायनिक प्रतिक्रिया
N₂₍𝔤₎ + 3H₂₍𝔤₎ [overset{text{Fe₍ₛ₎}}{rightarrow}] 2NH₃₍𝔤₎- सल्फ्यूरिक एसिड का निर्माण (Formation of Sulfuric Acid): इस प्रतिक्रिया में सल्फर डाइऑक्साइड गैस को सल्फर ट्राइऑक्साइड में ऑक्सीजन और ठोस वैनाडियम पेंटा ऑक्साइड (V₂O₅) के साथ उत्प्रेरण के माध्यम से ऑक्सीकरण किया जाता है। फिर सल्फर ट्राइऑक्साइड का सम्मिलन (Hydrolysis) होता है जिससे सल्फ्यूरिक एसिड बनता है।
रासायनिक प्रतिक्रिया
SO₂₍𝔤₎ + O₂₍𝔤₎ [overset{text{V₂O₅₍ₛ₎}}{rightarrow}] 2SO₃₍𝔤₎
Adsorption Theory of Heterogeneous Catalysis
आधुनिक Adsorption थ्योरी या अवधारणा विषमगतिक उत्प्रेरण की पुरानी adsorption थ्योरी और मध्यवर्ती यौगिक ध्येय का मेल है। पुराने adsorption सिद्धांत की कई कमियों के कारण इसकी आवश्यकता पड़ी।
इसके अनुसार, उत्प्रेरक में खाली वैलेंसीज (valencies) होती हैं, जिन पर अभिक्रियाशील अणु (reactant molecules) जुड़ जाते हैं। इसे समझाने के लिए निम्नलिखित चरण हैं:
Adsorption प्रक्रिया के चरण:
- अभिकारक अणुओं का विसरण (Diffusion of Reactant Molecules): इस चरण में अभिकारक अणु उत्प्रेरक की सतह की ओर विसरण करते हैं।
- Adsorption: इस चरण में, अभिकारक अणु उत्प्रेरक की सतह पर adsorbed होते हैं या उत्प्रेरक की खाली वैलेंसीज से नि’ज्चित्त बंध बनाएँ।
- मध्यवर्ती यौगिक का निर्माण (Intermediate Complex Formation): adsorbed अभिकारक अणु उत्प्रेरक की सतह पर प्रतिक्रिया करते हैं और एक मध्यवर्ती यौगिक बनाते हैं।
- Desorption: मध्यवर्ती यौगिक उत्पाद में बदल जाता है क्योंकि यह उत्प्रेरक की सतह से कमजोरता बना लेता है। उत्पाद अणु उत्प्रेरक की सतह से desorbed हो जाते हैं।
- उत्पाद अणुओं का विसरण (Diffusion of Product Molecules): उत्प्रेरक की सतह से desorbed उत्पाद अणु उत्प्रेरक से दूर विसरण होते हैं।
Adsorption Theory of Heterogeneous Catalysis पर हमारी जानकारी यहीं समाप्त होती है। इसके बाद आप Ncert Textbook Solutions और अतिरिक्त पढ़ाई के लिए Vedantu वेबसाइट पर जा सकते हैं।
Adsorption theory of heterogeneous catalysis: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Catalysis क्या है?
Catalysis वह प्रक्रिया है जिसमे एक पदार्थ जोड़ने से रासायनिक प्रतिक्रिया की गति बढ़ जाती है, जबकि वह पदार्थ स्वयं प्रतिक्रिया में भाग नहीं लेता।
Adsorption Theory क्या है?
Adsorption Theory के अनुसार, उत्प्रेरक की सतह पर अभिकारकों के मुक्त валेंसियों पर यौगिक बनते हैं, जिससे रासायनिक प्रतिक्रिया की गति बढ़ जाती है।
Homogeneous Catalysis और Heterogeneous Catalysis में क्या अंतर है?
Homogeneous Catalysis में उत्प्रेरक और अभिकारक एक ही अवस्था में होते हैं, जबकि Heterogeneous Catalysis में उत्प्रेरक और अभिकारक अलग-अलग अवस्थाओं में होते हैं।